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Bhendi ki buvai ,भेंडी लागवड,bhendi lagvad mahit,Ladyfinger agriculture planting 2 lacks in 1 Acer,okra planting भेंडी लागवड,bhendi lagvad mahiti ani vyvasthapan

भिंडी Ladyfinger , bhendi lagvad mahiti, bhendi ki buvai

भिंडीLadyfinger  bhendi lagavad,#bhendi ,#bhendi ki buvai 

देश भर में बड़े पैमाने पर पैदा की जाती है। इसके उत्पादन में एक प्रमुख पहचान की कमी, कीटों, रोगों और सूत्रक्रमि में वृद्धि के रूप में की गयी है, जिसके परिणामस्वरूप कभी-कभी उपज में बहुत घाटा होता है। इसकी नरम और कोमल प्रकृति तथा उच्च नमी और लागत के क्षेत्रों के अधीन इसकी खेती के कारण, भिंडी पर कीट हमले का खतरा अधिक होता है और एक अनुमान के अनुसार कम से कम 35-40% का नुकसान होता है।


Bhendi li seeds ,#bhendi  lagged,
1.VNR SEED Vnr-deepika(f1-hybrid)for CULTIVATION
2. vnr 999 F1 Hybrid Ladyfinger Seed for Agriculture, Pack Size: 250g
3.Vnr seeds Okra/ bhendi seeds vnr999, Pack Size: 100gm, 250g
4.Mahyco 10 No. Hybrid Bhindi Seeds, Usage: Agriculture
5.Nunhems Okra Seeds, For For Cultivation, Pack Size: 3500

मिट॒टी : बुमट व बलुई बुमट मिट॒टी जिसका पी.एच. मान 6.0-6.8 हो और वह पोषक तत्व युक्त हो तथा सिंचाई की सुविधा व जल निकास का अच्छा प्रबंध होनो चाहिए।

भिंडी गर्मी तथा खरीफ मौसम की मुख्य सब्जी है। यह 40 डिग्री से. से ज्यादा तापमान सहन नहीं कर सकती है। बीज जमाव के लिए उपयुक्त तापमान 17-22 डिग्री से. है तथा पौधे की बढ़वार के लिए 35 डिग्री से. तक का तापमान उपयुक्त है।

बीज की मात्रा : गर्मी के मौसम के
 5/6  कि.ग्रा. व खरीफ (वर्षा) के मौसम में 4/5कि.ग्रा./acer की आवश्यकता है।

 बीज सीड ड्रिल के द्वारा गर्मियों में 45 ग 20 सें.मी. तथा वर्षा के मौसम में 60 ग 20 सें.मी. की दूरी पर करें। बीज की गहराई लगभग 4.5 सें.मी. रखें।

समय : गर्मी मौसम  ;20 फरवरी से 15 मार्च ;तथा खरीफ (गर्मी के मौसम) में 25 जून से 10 जुलाई तक का समय बुवाई के लिए उपयुक्त है।

 खाद : बुवाई से पहले गोबर व  अच्छी तरह गली-सड़ी कम्पोस्ट लगभग      4 से 5 trally प्रति Acre मिट॒टी में अच्छी तरह मिला दें।  urea 20 कि.ग्रा.  50 कि.ग्रा. फास्फोरस व 60 कि.ग्रा. पोटाश प्रति Acre की दर से अंतिम जुताई के समय प्रयोग .

प्रमुख रोग एवं नियंत्रण


रोग का कारणमेजेक तथा पूर्ण कुंचन (मोजेक एंड लीफ कर्ल)पत्तियों पर छोटे-छोंटे पीले रंग के चितकबरे धब्बे बनते हैं। पत्तियों का रंग पीला  पड़ जाता है। हरा भाग छिछले गड्‌ढों का रुप ले लेता है, पत्तियों के किनारे नीचे झुक जाते हैं और कटे हुए से हो जाते हैं। बाद में पत्ती के पीले भाग सूखकर नष्ट हो जाते हैं।SPRAYकन्फीडोर super. (2.0 मि.लि. प्रति 1.0 लिटर पानी की दर से)रोपाई के 20 दिन बाद तथा आवश्यकतानुसार 15 दिन के अंतराल पर प्रयोग करें कीट प्रकोप एवं प्रबंधन
1. सफेद मक्खी पत्तियों के रस चूसने से पत्तियाँ सिकुड़ जाती है। कांफिडोर या डेसिस का 0.3 मि.लि. दवा प्रति लिटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। 


2. जैसिड किटट पत्तियों का रस चूस लेता है जिससे पत्तियाँा किनारों पर ऊपर की तरफ मुड़ जाती हैं तथा पत्तियों का रंग पीला हो जाता है जो बाद में सूख जाती हैं।

 confidor super + actra  का 1 ml/1 gm मि.लि. दवा प्रति लिटर पानी में छिड़काव करें।
तुड़ाई व उपज : भिण्डी की फलियों को उनकी उपरिपक्व अवस्था में फूल खिलने से 3-4 दिन बाद 3 दिन के अंतराल पर लगाकर तोड़ते रहें। भिण्डी की फली की उपज गर्मी की फसल में  50 -80 क्विंटल तथा वर्षा के मौसम में 50 से 75 क्विंटल प्रति Acre दर से मिलती है।

स्थानीय बाजार के लिए सुबह तुड़ाई करके बाजार में भेज सकते हैं लेकिन दूरस्थ बाजार के लिए शाम के समय तुड़ाई करके भिण्डी की फलियों को plactik carets  में भरकर सुबह बाजार में भेजते हैं जिससे फलियों को कोई हानि न हो. समय पर बुवाई


  1. खेत की स्वच्छता
  1. हमेशा ताज़ा तैयार किये गये नीम के बीज के गूदे का सत्व उपयोग करे
  1. केवल जब आवश्यक हो तभी कीटनाशकों का उपयोग करे 
  1. कीटनाशक की अनुशंसित खुराक से ज्यादा नहीं डालें
  1. एक ही कीटनाशक लगातार नहीं दोहराएं
  1. कीटनाशकों के मिश्रण का प्रयोग न करें
  1. सब्जियों पर मोनोक्रोटोफ़ॉस जैसे अत्यधिक खतरनाक कीटनाशक का प्रयोग नहीं करें
  1. कटाई से ठीक पहले कीटनाशकों का प्रयोग नहीं करें
  1. कीटनाशकों के प्रयोग के बाद 3-4 दिन तक सब्ज़ी का उपयोग नहीं करें

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